रचना प्रस्तुत करते हुए शायर राजीव दुआ |
निज़ामाबाद की एक रात कविताओं के नाम
निज़ामाबाद,रविवार 24 अक्टूबर की रात निज़ामाबाद के राजस्थान भवन के प्रांगण मे गीत पूर्णिमा एवम निज़ामाबाद जिला माहेश्वरी सभा के सयुंक्त तत्वधान में शरद पूर्णिमा के अवसर कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया .जिसका शुभारंम्भ शहर के व्यवसायी गिरिवर लाल अग्रवाल एवम हिंदी दैनिक स्वतंत्र वार्ता के स्थानीय संपादक प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्वल्लन के साथ हुआ .इस अवसर पार बोलते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कविता हर भाषाओं को अपने आगोश में बांधती है.आप इसे अलग कर के नहीं देख सकते हैं.यही कारण है कि आज पुरे विश्व में हिंदी अपने यहाँ कि अपेक्षा कहीं अधिक फल-फूल रही है.
आज से पच्चीस साल पहले इसी शहर में हिंदी प्रेमियों ने
"इंदूर हिंदी समिति "की स्थापना की थी.जिसका उद्देश्य था की आहिंदी भाषी क्षेत्र में हिंदी भाषा के प्रोत्साहन के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करना .कई कार्यक्रम हुए भी .लेकिन कुछ समय बाद यह संस्था शिथिल पढ़ गई थी,जिसे पुनः सक्रीय किया गया है.जिसके पोर्टल www.indurhindisamitinzb.
युवा कवि पवन पाण्डे ने माँ को अर्पित अपनी कविता से लोगों का मनमोह लिया .गीत पूर्णिमा के मुखिया एवम कवि समेलन के संयोजक सीताराम पाण्डे ने जहाँ कवि सम्मलेन का सुन्दर संचालन किया वहीँ उनकी कवित "में हूँ हिंदुस्तान" ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया.इस अवसर पर हैदराबाद से आये कवि एवम मुख्य अतिथि वेणु गोपाल भट्टल ने अपनी रचना "चिराग ऐसे जले किबेमिसाल रहे ,किसी का घर न जले यह ख्याल रहे"ने सभी को आकर्षित कर दिया.उनके द्वारा राजस्थानी शेली में प्रस्तुत रचनाओं को भी सराहा गया.इस मौके पर संस्था की ओर से उनका शाल श्रीफल दे कर सम्मानित किया गया .इस अवसर पर कवियों के साथ मंच पर सर्वश्री गिरिवर लाल अग्रवाल.बालकिशन इन्नानी .जसवंत लाल के.शाह के साथ साथ चन्द्र प्रकाश मोदानी,नरेश मोदानी,दामोदर लाल जोशी भी उपस्थित थे.
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